अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने सरकारी हस्तक्षेप का हवाला देते हुए श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
आईसीसी बोर्ड ने शुक्रवार, 10 नवंबर, 2023 को यह निर्णय लिया, यह निर्धारित करने के बाद कि एसएलसी ने आईसीसी के सदस्य के रूप में अपने दायित्वों का उल्लंघन किया है, विशेष रूप से अपने मामलों को स्वायत्त और सरकारी हस्तक्षेप के बिना प्रबंधित करने की आवश्यकता का।
इस निलंबन का अर्थ है कि एसएलसी अब किसी भी आईसीसी कार्यक्रम में भाग नहीं ले पाएगा, जिसमें आगामी आईसीसी अंडर-19 पुरुष क्रिकेट विश्व कप भी शामिल है, जिसकी मेजबानी जनवरी और फरवरी 2024 में श्रीलंका द्वारा की जानी है।
आईसीसी बोर्ड 21 नवंबर को श्रीलंका बोर्ड मिलने वाला है, जिसके बाद आगे की कार्यवाही के बारे में स्पष्ट निर्णय होने की उम्मीद है।
श्रीलंकाई क्रिकेट पर निलंबन का प्रभाव
एसएलसी का निलंबन श्रीलंकाई क्रिकेट के लिए एक गंभीर झटका है। इसके कई नकारात्मक परिणाम होंगे, जिनमें शामिल हैं:
श्रीलंकाई खिलाड़ी टी20 विश्व कप और क्रिकेट विश्व कप सहित किसी भी आईसीसी कार्यक्रम में भाग नहीं ले पाएंगे।
श्रीलंका की आईसीसी रैंकिंग प्रभावित होगी, क्योंकि वह आईसीसी कार्यक्रमों से कोई अंक नहीं कमा पाएगा।
श्रीलंकाई क्रिकेट को आईसीसी कार्यक्रमों से होने वाली आय का नुकसान होगा, जैसे कि प्रसारण अधिकार और प्रायोजन।
श्रीलंकाई क्रिकेट के विकास में बाधा आएगी, क्योंकि श्रीलंकाई खिलाड़ियों के पास अंतरराष्ट्रीय विरोधियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने के लिए कम अवसर होंगे।
क्रिकेट में सरकारी हस्तक्षेप क्यों बुरा है?
क्रिकेट में सरकारी हस्तक्षेप कई तरह से खेल को नुकसान पहुंचा सकता है।
यह भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन को बढ़ावा दे सकता है।
क्रिकेट बोर्डों की स्वायत्तता को कमजोर कर सकता है।
क्रिकेट बोर्डों के लिए प्रायोजकों और निवेशकों को आकर्षित करना मुश्किल बना सकता है।
क्रिकेट की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है।
श्रीलंका सरकार एसएलसी को बहाल करने के लिए क्या कर सकती है?
श्रीलंका सरकार एसएलसी को बहाल करने के लिए कई कदम उठा सकती है, जिनमें शामिल हैं:
खेल कानून में संशोधन करके यह सुनिश्चित करना कि एसएलसी स्वतंत्र और सरकारी नियंत्रण से मुक्त है।
एसएलसी का एक नया प्रशासन नियुक्त करना जो सक्षम और जवाबदेह हो।
एसएलसी को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन प्रदान करना।
एसएलसी का निलंबन क्रिकेट शासन में स्वायत्तता के महत्व की याद दिलाता है। जब सरकारें क्रिकेट बोर्डों के संचालन में हस्तक्षेप करती हैं, तो यह खेल को नुकसान पहुंचा सकती है और खिलाड़ियों, प्रशंसकों और अन्य हितधारकों के हितों को खतरे में डाल सकती है।