विराट कोहली की वर्ल्ड क्रिकेट में तूती बोलती है। कोहली जब अपने रंग में होते हैं, तो दुनिया का बड़े से बड़ा गेंदबाज उनके आगे पानी मांगता हुआ नजर आता है। किंग कोहली इंडियन क्रिकेट का वो हीरा हैं, जिसकी चमक से पूरा विश्व क्रिकेट गुलजार हुआ है। हालांकि, विराट के लिए 22 गज की पिच का शहंशाह बनने का सफर काफी चुनौतियों से भरा रहा।
विराट कोहली : दिल्ली से हुआ क्रिकेट करियर का आगाज
विराट कोहली का जन्म 5 नवंबर 1988 को दिल्ली में हुआ। कोहली दिल्ली के उत्तम नगर में पले-बढ़े और उन्होंने इसी शहर से अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत महज 9 साल की उम्र में की। विराट ने 9 साल की उम्र में पहले बार बल्ला थामा और अपने बचपन के कोच राजकुमार शर्मा की देखरेख में क्रिकेट की बारीकियों को सीखा।
2002 में रखा घरेलू क्रिकेट में कदम
विराट कोहली ने घरेलू क्रिकेट में कदम साल 2002 में रखा। विराट ने दिल्ली की अंडर-15 टीम की ओर से अपना पहला मैच खेला और उन्होंने 2003 में टीम की कमान भी सौंप दी गई। अंडर-15 में बल्ले से धमाल मचाने के बाद कोहली का सेलेक्शन विजय मर्चेंट ट्रॉफी के लिए हुआ।
कोहली इस टूर्नामेंट में अपने बल्ले और कप्तानी दोनों से छाप छोड़ने में सफल रहे। कोहली ने 7 मैचों में 757 रन बनाए और टीम को चैंपियन बनाया। इस दौरान कोहली के बल्ले से दो शतक निकले। साल 2006 में विराट ने अपने लिस्ट-ए करियर की शुरुआत सर्विसेस के खिलाफ की। वहीं, उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में दिल्ली की ओर से खेलते हुए अपना पहला मैच तमिलनाडु के खिलाफ खेला।
पिता के निधन ने पलटा करियर
साल 2006 में विराट कोहली के पिता प्रेम कोहली का हार्ट अटैक पड़ने की वजह से निधन हो गया। कोहली पिता के निधन के बावजूद अगले दिन कर्नाटक के खिलाफ खेले गए मुकाबले में बल्ले थामकर मैदान पर उतरे। विराट ना सिर्फ मैदान पर उतरे, बल्कि उन्होंने 90 रन की शानदार पारी खेली। कहा जाता है कि कोहली के असल करियर की शुरुआत यहीं से हुई और इसके बाद विराट ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
2008 में बनाया अंडर-19 चैंपियन
साल 2008 में विराट कोहली ने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को अंडर-19 चैंपियन बनाते हुए खूब सुर्खिया बटोरी। अंडर-19 में दमदार प्रदर्शन के बूते ही विराट कोहली की आईपीएल में एंट्री हुई और उन पर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने बड़ा दांव खेला।
2008 में शुरू हुआ इंटरनेशनल करियर
विराट कोहली ने इंटरनेशनल क्रिकेट की पिच पर साल 2008 में पहली बार कदम रखा। वेस्टइंडीज के खिलाफ खले गए मुकाबले में कोहली बल्ले से कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके थे और 4 रन बनाकर आउट हुए। हालांकि, इसके बाद विराट ने भारत के लिए कई यादगार पारियां खेलीं, जिसके दम पर उनको वर्ल्ड कप 2011 की टीम में जगह भी मिली। विराट ने 2011 के फाइनल मुकाबले में श्रीलंका के खिलाफ सचिन और सहवाग के सस्ते में पवेलियन लौटने के बाद 35 रन की अहम पारी खेली थी।
विराट कोहली का इंटरनेशनल करियर
विराट कोहली भारत के लिए अब तक कुल 111 टेस्ट मैच खेल चुके हैं। इस दौरान खेली गई 187 पारियों में उनके बल्ले से 49.29 की औसत से 8676 रन निकले हैं। कोहली के नाम क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में 29 शतक और 29 अर्धशतक दर्ज हैं। वहीं, 50 ओवर के फॉर्मेट में विराट भारत के लिए अभी तक कुल 291 मैचों में बल्ला थामकर मैदान पर उतरे हैं। अपने पसंदीदा फॉर्मेट में किंग कोहली 58.69 की औसत से 13,794 रन कूट चुके हैं।
क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट यानी टी-20 में विराट 115 मैचों की 107 पारियों में 52 के औसत और 137 के स्ट्राइक रेट से 4008 रन बना चुके हैं। फटाफट क्रिकेट में कोहली ने एक शतक और 37 अर्धशतक लगाए हैं